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'टैक्स के रेट कहां से आइल' इसी प्रश्न पर सामाजिक मंच की धरने की तैयारी


बक्सर पत्रिका :- डुमरांव नगर परिषद की होल्डिंग टैक्स नीति के खिलाफ सामाजिक मंच ने अनिश्चितकालीन धरने की घोषणा की है। यह निर्णय शुक्रवार को मंच की कोर कमिटी की बैठक के बाद लिया गया, जिसमें नगर परिषद के बजट प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए गए। मंच के नेताओं ने आरोप लगाया कि नगर परिषद ने बजट प्रक्रिया के सभी मानक नियमों और निर्धारित प्रावधानों को नज़र अंदाज करते हुए मनमाने तरीके से बजट पारित किया है। प्रेस वार्ता के दौरान सामाजिक मंच के संयोजक प्रदीप शरण ने कहा कि नगर परिषद ने इस बार बजट पर किसी भी प्रकार की सलाह या चर्चा की प्रक्रिया का पालन नहीं किया, जो कि करदाताओं, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी तथा गैर-सरकारी संस्थाओं से अनिवार्य रूप से ली जानी चाहिए थी। यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता के बिना की गई और बजट से संबंधित कोई भी विज्ञापन अखबारों में प्रकाशित नहीं किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि होल्डिंग टैक्स से होने वाली आय की विस्तृत जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए थी, जो कि नगर परिषद ने नहीं की।


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      प्रदीप शरण ने मंच की ओर से यह स्पष्ट किया कि यह बजट पूरी तरह से भ्रामक है और इसे तत्काल रद्द किया जाना चाहिए। मंच ने नगर परिषद से इस बजट को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है और आरोप लगाया कि यह बजट जनता के हितों को नज़रअंदाज़ करता है। उन्होंने नगर परिषद को 28 मार्च को अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि परिषद को आमसभा आयोजित कर यह स्पष्ट करना होगा कि होल्डिंग टैक्स की बढ़ी हुई दरें कहां से आईं ? मंच ने नगर परिषद को 5 अप्रैल तक का समय देते हुए चेतावनी दी कि यदि नगर परिषद इस समय सीमा के भीतर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं करता है, तो सामाजिक मंच अनिश्चितकालीन धरने की तारीख घोषित कर देगा। प्रदीप शरण ने कहा कि यदि हमारे सवालों का जवाब नहीं मिलता है, तो हम मजबूर होकर अपनी लड़ाई को सड़कों पर लेकर जाएंगे। यह जनता का हक है कि वह जान सके कि होल्डिंग टैक्स की बढ़ी हुई दरों का आधार क्या है।” आगे उन्होंने कहा कि उनका आंदोलन सिर्फ सामाजिक न्याय और पारदर्शिता के लिए है। उन्होंने दावा किया कि नगर परिषद के इस तरह के फैसले से नागरिकों पर अतिरिक्त करभार बढ़ेगा, जिससे छोटे व्यवसायों और संस्थानों को आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। मंच ने जनता से भी अपील की कि वे इस मुद्दे पर एकजुट हो और नगर परिषद पर दबाव बनाएं ताकि फैसले में सुधार किया जा सके।

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