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पार्टी महासचिव ने डुमरांव विधायक के पांच वर्षो के रिपोर्ट कार्ड का किया लोकार्पण


बक्सर पत्रिका :- भाकपा माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य आज दिन मंगलवार को अपनी एकदिवसीय यात्रा पर बक्सर जिले के डुमरांव पहुंचे। उन्होंने नगर भवन मे डुमरांव के भाकपा माले विधायक डॉ अजीत कुमार सिंह के पांच वर्षो के कामकाज की रिपोर्ट का लोकार्पण किया। लोकार्पण के दौरान माले के जिला सचिव नवीन कुमार, राजद के जिला अध्यक्ष शेषनाथ सिंह यादव, कांग्रेस अध्यक्ष मनोज कुमार पांडेय, सीपीआई के जिला सचिव जीतेन्द्र सिंह, वीआईपी के जिला अध्यक्ष प्रभुनाथ चौधरी, प्रदेश उपाध्यक्ष शम्भू चौधरी सहित इण्डिया गठबंधन के सभी जिला एवं प्रखंड अध्यक्ष सचिव शामिल रहें एवं सम्बोधित किया। बदलो सरकार, बदलो बिहार और वोट चोर, गद्दी छोड़ जन-जन का नारा बन गया है। भाकपा माले केंद्रीय कमेटी के सदस्य समकालीन लोकयुद्ध के संपादक संतोष सहर भी उनके साथ रहे। डुमरांव से पहले भाकपा माले विधायक डॉ अजीत कुमार सिंह और भाकपा माले समेत इंडिया गठबंधन के अन्य नेताओं की अगुआई में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाओं और जोरदार नारों के साथ उनका स्वागत किया। सभा को सम्बोधित करते हुए कॉमरेड दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि जनप्रतिनिधि जनता के बीच अपने कामकाज का हिसाब दें और जनता उनसे यह मांग करे, यह अधिकार और फर्ज ही लोकतंत्र की खूबसूरती है, इसे और भी मजबूत करना है। डुमराँव महान शहनाई वादक बिस्मिल्लाह की धरती है और यह दुखद है कि यहाँ उनका कोई स्मृति चिन्ह नहीं था। आपके विधायक के प्रयास से उनके नाम पर कला महाविद्यालय की स्थापना हो रही है। यह हमारी गंगा-जमुनी तहजीब के हिफाजत की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। उन्होंने कहा कि विधायक फंड की राशि से विकास करना महत्वपूर्ण है लेकिन उतना ही जरूरी है विकास की गरीब विरोधी, किसान विरोधी और रोजगार विरोधी नीतियों को बदलना जो जल-जंगल-जमीन समेत तमाम सम्पत्तियों को अडानी-अंबानी के हवाले कर रही है। बिहार के नौजवान भारी तादाद मे पलायन करते है। दिल्ली मे भाजपा का नारा था 'जहां झुग्गी, वहीं मकान' लेकिन ज़ब सरकार बनी तो दिल्ली की झुग्गियों में बसे प्रवासी बिहारियों को उजाड़ दिया गया। अब तो भाजपा के इशारे पर चुनाव आयोग ने एसआईआर के जरिये उनका मताधिकार छीनने का अभियान चला दिया है और उनको 'बाहरी' घोषित करने पर आमादा है। उन्होंने डुमरांव समेत देश भर में 1942 के अंग्रेज भारत छोड़ो आंदोलन के शहीदों को याद करते हुए कहा कि गुलाम भारत में नौजवानों पर गोलियां चली थी। आज रोजगार कि मांग कर रहे नौजवानों - बर्खास्त किये गए सर्वें संविदा कर्मियों पर - बर्बरता पूर्वक लाठी चल रही है। उन्होंने कहा कि शहीदे आजम भगत सिंह और बाबा साहेब ने देश में आजादी, लोकतंत्र और बराबरी की भावना को आगे बढ़ाया। हम इसको हर क़ीमत पर आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने एसआईआर के खिलाफ हम सबने, इंडिया गठबंधन के दलों ने सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी और चुनाव आयोग को तीन-तीन बार पीछे धकेला है। पहली बार दस्तावेज जमा करने की शर्त हटवाई, दूसरी बार जिनका नाम कटा उसकी सूची जारी करवाई और तीसरी जीत तब हासिल हुई ज़ब आधार को दस्तावेज के रूप में स्वीकार करवाया। उन्होंने कहा कि आज पुरे देश में वोट चोर गद्दी छोड़ का नारा गूंज रहा है। भाजपा विधायक आरा विधानसभा क्षेत्र के गरीब दलित-अल्पसंख्यक मतदाताओं का नाम कटवाने के लिए प्रशासन पर बनाये जा रहे दबाव का उदाहरण देते हुए कहा कि हमें पूरी सजगता के साथ इसको भी रोकना होगा। उन्होंने 1989 में आरा में मताधिकार के लिए चले संघर्ष, जिसमें बिहटा गांव में गरीबों ने अपनी जान गंवाकर वोट डाला था और अपने प्रत्याशी रामेश्वर प्रसाद को संसद भेजा था, का जिक्र करते हुए कहा कि शाहाबाद ने हमेशा आजादी, लोकतंत्र और बराबरी के संघर्ष की अगुआई की है। उन्होंने कहा कि देश कि आजादी और समप्रभुता खतरे में है। अंग्रेजों से मिली आजादी को केंद्र की संघ-भाजपा मोदी सरकार अमेरिका के हाथों गिरवी रख देने पर आमादा है। अमेरिका से भारतीयों के अपमानजनक निष्कासन और भारी टैरिफ़ टैक्स पर उनकी चुप्पी इसका उदाहरण है।


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      उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने न्याय के साथ विकास का नारा दिया। भूमि सुधार और शिक्षा सुधार का आयोग बनवाया लेकिन उनकी रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया। न्याय के नाम पर उन्होंने पुरे राज्य को अपराधियों व भ्र्ष्टाचारियों के हवाले कर दिया है। उन्होंने याद दिलाया कि नीतीश कुमार पेंशन और स्कीम वर्कर्स का मानदेय की राशि बढ़ाने से साफ-साफ इंकार कर दिया था, 94 लाख गरीब परिवारों को 2 लाख रूपये की सहायता देने की घोषणा से मुंह मोड़ लिया था, चुनाव को नजदीक आते देख ढपोरशंखी घोषणाएँ कर रहे है। लोकार्पण सभा में इण्डिया गठबंधन के हरेंद्र राम, ललन प्रसाद, बीरेंद्र सिंह, धर्मेंद्र कुमार सिंह, लालधारी राम, रेखा देवी, पूजा कुमारी, जगनारायण सिंह, नीरज कुमार, बीरन यादव, प्रभात कुमार, कन्हैया पासवान, नरेंद्र सिंह, मुन्ना खान, मनोज ठाकुर, पियूष यादव, पुष्पा देवी सहित सैकड़ों नेता कार्यकर्त्ता उपस्थित हैं।

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