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मनरेगा से निजी जमीन पर बनी सड़क तोड़ने का आदेश


बक्सर पत्रिका :- इटाढी प्रखंड के सिकटौना गांव में मनरेगा के माध्यम से पीसीसी सड़क का निर्माण करना महंगा साबित हुआ। लोकपाल (मनरेगा) ने सुनवाई के दौरान मनरेगा के अधिकारियों को दोषी पाया है। साथ ही पीसीसी सड़क 15 दिनों के अंदर तत्काल हटाने का सख्त आदेश दिया है। साथ ही दोषी पदाधिकारियों पर दण्ड भी लगाया है। मिली जानकारी के अनुसार सिकटौना गांव शशिभूषण पाठक ने लोकपाल (मनरेगा) के यहां परिवाद दायर किया था।


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      सुनवाई के दौरान पीड़ित का कहना था कि उनकी रैयत जमीन पर मनरेगा की योजना संख्या 17/2017,18 के तहत पीसीसी सड़क निर्माण कराया गया है। जबकि उनसे अनापति एवं अन्य सहमति पत्र एवं अन्य कोई लिखित कागजात नहीं लिया गया, इसपर लोकपाल अरुण कुमार गुप्ता ने इटाढी प्रखण्ड के बीडीओ व मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी, पंचायत रोजगार सेवक, कनीय अभियंता को तलब किया और उनसे इस संबंध में पक्ष लिया। इसके साथ ही इटाढी अंचलाधिकारी से जमीन की पैमाईश कराई गई जिससे यह सामने आया कि परिवादी की जमीन पीसीसी सड़क निर्माण में प्रभावित हुई हैं। दोनों पक्ष की बात व दस्तावेज देखने के बाद लोकपाल अरुण कुमार गुप्ता ने अपना फैसला सुनाया जिसमें निर्देश दिया कि तत्काल 15 दिनों के अंदर पीसीसी रोड ढलाई को हटाई जाए। इसकी सूचना लोकपाल मनरेगा लोकपाल मनरेगा कार्यालय को दी जाए। इसके साथ ही लोकपाल ने यह भी आदेश दिया है कि इस योजना के निर्माण में कर्मचारी व पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधि पर धारा 25 के तहत एक एक हजार रुपए का जुर्माना की अनुशंसा की।

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