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डुमरांव विधायक ने सरकार की कार्यशैली पर उठाए सवाल, योजनाओं के क्रियान्वयन में जान बूझकर की जा रही देरी


बक्सर पत्रिका :- बुधवार की सुबह डुमरांव नगर स्थित सर्किट हाउस में विधायक डॉ अजीत कुमार सिंह द्वारा एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई। प्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम एक अत्यंत गंभीर और जनहित से जुड़े मुद्दे पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं। बिहार में भाजपा-जदयु की सरकार, स्थानीय नेताओं के दबाव में आकर, चुनाव में हार के भय से प्रेरित होकर और माननीय मंत्रियों के इशारों पर, अधिकारियों को डराने-धमकाने के माध्यम से ग्रामीण सड़कों सहित विभिन्न विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में जानबूझकर देरी कर रही है। यह न केवल विपक्षी विधायकों का अपमान है, बल्कि लाखों ग्रामीण नागरिकों की भावनाओं और आवश्यकताओं का भी तिरस्कार है। हमने अपने-अपने क्षेत्रों में जनता की मांगों को ध्यान में रखते हुए, विधानसभा में तर्कपूर्ण चर्चा और सड़कों पर आंदोलन के माध्यम से विकास योजनाओं को स्वीकृत करवाया है। यह स्वीकृति केवल कागजी नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण जनता की आशाओं और विश्वास का प्रतीक है। हालांकि, यह अत्यंत दुखद और चिंताजनक है कि स्वीकृत योजनाओं को धरातल पर उतारने में सरकार द्वारा जानबूझकर देरी की जा रही है। डुमराँव में हमारे लम्बे समय से लगातार अनुशंसा करने तथा कई बार विधानसभा में प्रश्न किये जाने के बाद विधानसभा क्षेत्र के 114 प्रमुख ग्रामीण सडकों के सुदृढ़ीकरण की स्वीकृति प्राप्त करने में सफलता हासिल की है, जिनका सुदृढ़ीकरण कार्य प्रगति पर है, जिनकी कुल लंबाई 247.25 किलोमीटर है एवं कुल लागत 189.38 करोड़ रूपया है। साथ ही आधा दर्जन नयी सडकों के निर्माण तथा पूल निर्माण की भी स्वीकृति मिली है। डुमराँव बाईपास को स्वीकृत हुए तीन वर्ष से ज्यादा समय हो गया है लेकिन अभी तक बाईपास के लिए निर्माण एजेंसी को जमीन उपलब्ध नहीं कराया है कि बाईपास बन सके। भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान कला विश्वविद्यालय के लिए स्वीकृति मिले भी तीन वर्ष से ज्यादा हो गए हैं परन्तु अभी तक कला महाविद्यालय को शुरू नहीं किया।


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      आगे उन्होंने कहा कि हमें यह अत्यंत खेद और चिंता के साथ कहना पड़ रहा है कि विभिन्न विकास कार्यों के लिए संबंधित एजेंसियों को कार्य आवंटन हो जाने के एक माह से ज्यादा समय होने के बावजूद, सभी सड़कों का अब तक कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। जो छोटी-छोटी सड़कें बेहद ख़राब हैं जिनका काम अब तक पूर्ण हो जाना चाहिए था वो काम अब तक शुरू भी नहीं हुई है। डुमराँव क्षेत्र में स्वीकृत महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं में यथा (१) बक्सर - आरा NH -84 से गजरावां रोड़ (२) कृष्णाब्रह्म से गिरधर बरांव रोड़ (३) NH-30 से रूपसागर तक (४) NH -84 धकाईच से अनुमंडल होते हुए कोरानसराय पूल तक (५) केसठ बस स्टैंड से सोनवर्षा NH-30 मोड (६) नावानगर धवई उसरा मुख्य पथ (लोटन यादव के घर) से पासवान टोला जैसी महत्वपूर्ण सडकों का निर्माण अतिशीघ्र आवश्यक है। डुमराँव विधानसभा क्षेत्र में यह भी देखने को मिल रहा है कि सत्ता पक्ष के नेताओं द्वारा विकास कार्यों से संबंधित शिलापट्टों को तोड़ा जाता रहा है। जबकि सत्ता पक्ष के विधायक मंत्री इन्ही योजनाओं का शिलान्यास रोजाना कर रहें हैं। जब सत्ता पक्ष के नेताओं द्वारा जानबूझकर इन शिलापट्टों को नष्ट करते हैं, तो यह केवल एक पत्थर का टुकड़ा तोड़ना नहीं होता, बल्कि यह उस जनादेश, उस जनप्रतिनिधि और अंततः लोकतंत्र का अपमान होता है । हमारे विश्वसनीय सूत्रों और क्षेत्रीय नेताओं से प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह देरी केवल प्रशासनिक अक्षमता का परिणाम नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहरे राजनीतिक षड्यंत्र हैं। आगामी चुनावों में हार के डर से सत्ताधारी दल उन योजनाओं को प्राथमिकता दे रहा है, जो उनके लिए तात्कालिक राजनीतिक लाभकारी हों, न कि वे जो जनता के दीर्घकालिक हित में हों। हालाँकि हमने लड़ झगड़कर अपने संघर्षों के दम पर डुमराँव में रेजिस्ट्री ऑफिस की शुरुआत कराने तथा डुमराँव में मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के निर्माण कार्य को शुरू कराने में जरूर सफलता प्राप्त की है। फिर भी अभी सड़क सहित सैकड़ों स्वीकृत योजनाओं का काम होना अभी बाकी है। आनेवाले विधानसभा चुनाव में इस अपमान का बदला सरकार को सत्ता से बाहर करके लेगी।

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