बक्सर पत्रिका :- भाजपा - जदयू सरकार की वादाखिलाफी और झूठी घोषणाओं के खिलाफ महिला अधिकार और न्याय के लिए महिला संगठन ऐपवा ने महिला अदालत लगाया। इस दौरान मुख्य वक्ता के रूप में ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी और डुमरांव विधायक अजीत कुमार सिंह रहे। संचालन पूजा यादव और अध्यक्षता रेखा देवी ने किया। महिला अदालत में सचिव संध्या पाल, सीमा देवी, लीला देवी, फूला देवी, मणियां मुखिया फूलझरिया देवी, बसांव मुखिया गीता देवी ने भी अपनी बात रखी। अदालत को संबोधित करते हुए ऐपवा महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि
सभी महिलाओं को लेकर भाजपा की सोच से परिचित हैं - यह वही मनुवादी विचारधारा है जो महिलाओं की आज़ादी छीनकर उन्हें फिर से चारदीवारी में कैद करना चाहती है। आज संघी ट्रोलिंग इस कदर बढ़ गई है कि वह पहलगाम हमले में अपने पति को खो चुकी हिमांशी नरवाल जैसी महिलाओं को भी नहीं बख्शती, सिर्फ इसलिए कि उन्होंने कहा कि किसी भी आतंकी घटना को धार्मिक रंग नहीं देना चाहिए। सोफिया कुरैशी जैसी जांबाज़ अफ़सर को आतंकवादियों की बहन कहा जाता है, जिन्होंने भारत-पाक युद्ध जैसे मिशन में नेतृत्व किया। लेकिन इसी दौर में शैला नेगी जैसी महिलाएं भाजपा-संघ की महिला और मुस्लिम विरोधी मानसिकता को खुली चुनौती दे रही हैं। हमें एक और जंग नहीं चाहिए, क्योंकि उसका सबसे बड़ा खामियाजा महिलाओं और बच्चों को ही भुगतना पड़ता है। लेकिन जिन अधिकारों को महिलाओं ने दशकों के संघर्ष से हासिल किया है, उन्हें बचाने की लड़ाई अब और तेज़ करनी होगी। महिला सशक्तिकरण, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रिय विषयों में शामिल रहा है। महिलाओं में लगातार घटते प्रभाव को फिर से हासिल करने के लिए पूरे राज्य में सरकार द्वारा गांव-गांव में महिला संवाद आयोजित किया जा रहा है। संवाद में सरकार की तथाकथित उपलब्धियां गिनाई जा रही हैं और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा संवाद में उठी समस्याओं को हल करने का दिखावा भी किया जा रहा है। लेकिन संवाद के दौरान माइक्रोफाइनेंस के अत्याचार, रोजगार, स्कीम वर्कर्स की समस्याओं, महिला हिंसा जैसे सवाल उठाने पर उन्हें बोलने नहीं दिया जाता और माइक छीन लिया जाता है। समाज में अगर आधी संख्या महिलाओं की है तो महिलाओं के विकास के बिना संपूर्ण समाज का विकास कैसे हो सकता है? लेकिन पटना दिल्ली की सरकार विकास के नाम पर भ्रष्टाचारियों, अपराधियों और महिलाओं पर अत्याचार-उत्पीड़न करने वालों को ही बढ़ाने और बचाने में लगी हुई है। विधायक अजीत कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में महिलाओं के सम्मान, जीवन और आजीविका की लड़ाई माले लड़ती रही है आगे भी लड़ेगी।
विधायक ने कहा कि बहनो, अब समय आ गया है कि हम सब अपने हक़ और अपनी बेटियों की सुरक्षा व भविष्य के लिए एकजुट होकर आवाज बुलंद करें। अपनी बात कहें और 20 वर्षों की भाजपा-जदयू सरकार से जवाब और हिसाब मांगें, न्याय के लिए आगे बढ़ें, अब और नहीं सहेंगे। महिलाएं अपना हक लेकर रहेंगी, जुल्म के खिलाफ, हक के लिए संघर्ष तेज़ करो। अदालत में बक्सर जिला के विभिन्न गांवों और खासकर डुमरांव विधानसभा से सैकड़ों महिलाओं ने भाग लिया। माले सचिव नवीन कुमार, हरेंद्र राम, जगनारायण शर्मा, ललन राम, ललन प्रसाद, विसर्जन जी, बीर बहादुर पासवान, कन्हैया पासवान, राजदेव सिंह, अंकित, अखिलेश ठाकुर आदि मौजूद रहे।
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