बक्सर पत्रिका :- भाकपा माले के ‘बदलो बिहार न्याय यात्रा’ अभियान के छठे दिन बक्सर से निकली पद यात्रा मलई बराज पहुँची। मलई बराज पर योजना को अतिशीघ्र चालु करने को सभा की गयी तथा यात्रा को स्थगित कर दिया गया।
मलई बराज पहुँचने पर भाकपा माले बक्सर के जिला सचिव कॉ नवीन कुमार, डुमराँव विधायक डॉ अजीत कुशवाहा, महिला संगठन ऐपवा की जिला सचिव संध्या पाल, किसान महासभा के जिला अध्यक्ष रामदेव सिंह के नेतृत्व में यात्रा सम्पन्न हुआ। सभा को संबोधित करते हुए डुमराँव विधायक डॉ अजीत कुशवाहा ने कहा कि डुमराँव में आजादी से पहले बाद के जितने उद्योग और फैक्ट्रियां थीं वे सभी बंद हो चुकी हैं। चार दशक से लटके मलई बराज जैसी सिंचाई योजनाओं के पूरा नहीं होने से खेती तबाह हो चुकी है। इस क्षेत्र को बाढ़ और सुखाड़ का संकट लगातार प्रभावित कर रहा है। लेकिन विगत दो-तीन दशकों में इस क्षेत्र के लिए कुछ नहीं किया गया। भाजपा के आने से राजनीति का मुद्दा धर्म को बना दिया गया। 'बदलो बिहार न्याय यात्रा' के माध्यम से हम 95 लाख गरीब परिवारों को दो-दो लाख रुपये अनुदान के सवाल को, बाढ़ से स्थायी सुरक्षा की मांग को, भूमिहीनों को 5 डिसमिल जमीन देने के सवाल को उठा रहे हैं। अगामी 27 अक्टूबर को पटना में 'न्याय सम्मेलन' होगा। जहां हम नए बिहार के लिए हुंकार भरेंगे। आप तमाम क्षेत्रवासियों को एकजुट होकर क्षेत्र के कायाकल्प के लिए लाल झंडे को मजबूत करना होगा। इससे ही इस क्षेत्र और राज्य के विकास का द्वार खुलेगा । क्योंकि माले जनता के स्वार्थ के लिए सड़कों पर अनवरत संघर्ष करती रही है और आगे भी करती रहेगी।
बक्सर जिला सचिव कॉ नवीन ने कहा कि आज राज्य में स्मार्ट मीटर, राशन कार्ड और भूमि सर्वेक्षण, खेतिहर मजदूर की बदहाली, लोगों की खेती में खत्म होती दिलचस्पी, मजदूरों के पलायन, स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई की बद्तर स्थिति, जीविका दीदियों की बदहाली जैसे मौजूं सवाल हैं हमारे समाने। लेकिन सरकार का इन गरीब-मजदूर वर्ग के प्रति अन्यायपूर्ण रवैया निरंतर दमनकारी होता जा रहा। स्वरोजगार निधि का राग अलापने वाली सरकार स्ट्रीट वेंडर्स पर बुलडोजर चला रही है। जीविका दीदियों का इस्तेमाल नीतीश कुमार की जनसभा में संख्या बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। हम इन तमाम सवालों पर जनता को एकजुट करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। माले का हक दो-वादा निभाओ अभियान ऐसी ही एक कोशिश थी। अब यह 'बदलो बिहार न्याय यात्रा' राज्य को बदहाली और साम्प्रदायिकता के दलदल से निकाल कर नए बिहार के निर्माण का संकल्प लेने के लिए की जा रही है। इस देश ने रामप्रसाद बिस्मिल और अशफाकुल्लाह खान की साझी विरासत देखी है, हम सभी विभाजनकारी शक्तियों से लड़ते हुए जनता के वास्तविक मुद्दों पर संघर्ष करते हुए ही विकसित राज्य और विकसित मिथिलांचल के स्वप्न को साकार कर सकेंगे। माले इस सपने को पूरा करने के लिए पूर्णतः समर्पित है। इसी प्रकार स्मार्ट मीटर के नाम पर गरीबों की बिजली की सुविधा छीनी जा रही। अब इनकी मंशा है कि नल–जल योजना वाले पेय जल पर भी मीटर लगा दें। हमें विचार करना होगा कि सिंचाई, बिजली और पेय जल छीनी वाली सरकार कभी गरीबों की हितैषी हो सकती है? नीतीश सरकार सामंतों, भू माफियों की संरक्षक है। इसलिए वह भूमि सुधार को कभी भी लागू नहीं होने देना चाहती है। इस सरकार को अपदस्थ किए बिना गरीबों को वास–आवास की भूमि नहीं मिल सकेगी। यात्रा में भाकपा-माले के वरिष्ठ नेता व जिला कमिटी के सदस्य जग नारायण शर्मा, कन्हैया पासवान, विरेन्द्र सिंह, संजय शर्मा, हरेन्द्र राम, धर्मेन्द्र सिंह, नारायण दास, रामदेव सिंह, अभय पाण्डेय, धनजी पासवान, महफूज आलम, विनोद रजक, बिरबहादुर पासवान, विसर्जन राम, नीरज कुमार, रवि, सिकंदर चौधरी, सिकरौल के मुखिया मनोज यादव, मसरहियाँ मुखिया मनोज कुमार, बरांव मुखिया संतोष यादव, रूपसागर मुखिया बृजकुमार सिंह किसान नेता मंटू पटेल, सत्येंद्र कुशवाहा, धनलाल, राजकमल, सुरेश प्रसाद सहित सैकड़ों लोग शामिल रहें।
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